Izzat Shayari | इज्जत पर शायरी

इज्जत (सम्मान) एक ऐसा अनमोल खज़ाना है जिसे कमाना आसान नहीं और खोना पल भर का काम है। यह इंसान की असली पहचान और उसके व्यक्तित्व का आईना होती है। इज्जत न केवल हमें दूसरों के दिलों में जगह दिलाती है बल्कि हमारे आत्मसम्मान को भी मज़बूत बनाती है। इज्जत पर लिखी गई शायरी भावनाओं और विचारों को बेहद खूबसूरत और गहराई से व्यक्त करने का ज़रिया है। यह हमारे रिश्तों, समाज और हमारी खुद की सोच को परिभाषित करती है।

इज्जत पर शायरी आमतौर पर लोगों के दिलों में सम्मान जगाने, दूसरों के साथ आदरपूर्वक व्यवहार करने, और समाज में सच्चाई और अच्छाई का संदेश देने के लिए लिखी जाती है। चाहे वह प्यार में इज्जत की बात हो, परिवार में सम्मान की, या समाज में इन्सानियत की कदर करने की, इज्जत शायरी दिल से जुड़ी हर भावना को शब्दों में पिरोने का काम करती है।

 “इज्जत वो दौलत है जो हर कोई कमाना चाहता है,

जो दूसरों को दी जाए, तो दुगनी लौट आती है।”

इज्जत इतनी महंगी चीज है साहब, 

इसकी उम्मीद घटिया लोगों से बिल्कुल भी ना करें।

चाहे इंसान गरीब हो या आमिर, 

दलित हो या ब्राह्मण सबको इज्जत से रहने का अधिकार है।

हम अपनी हिफाज़त कुछ इस कदर कर लेते हैं 

मोहब्बत छोड़ देते हैं और इज्जत रख लेते हैं।

वो मिलने की मन्नत करते रहे, मैं इज्जत की दुहाई देती रही।

बस इस क़दर ही, मेरी मोहब्बत की कहानी खत्म हो गई।

इज्जत हमेशा इज़्ज़तदार लोग ही करते हैं, 

जिनके पास खुद इज़्ज़त नहीं वो किसी दूसरे को क्या इज़्ज़त देंगे।

जिस तरह के आप कर्म करेंगे, 

उसी तरह की आप इज्जत भी पाएंगे।

इस दुनिया में अपनी इस तरह इज्जत बनाना, 

कि लोग सामने तो इज़्ज़त करें ही करें लेकिन पीठ पीछे भी इज़्ज़त करना ना भूलें।

लोगों से डरना छोड़ दो, इज्जत ऊपरवाला देता है लोग नहीं।

चाहे जिंदगी में कितने भी मोड़ आए पर अपनी 

इज्जत गवाने के लिए कभी भी किसी के आगे हाथ ना फैलाए।

इज्जत का खाओगे तो हमेशा खुश रहोगे और 

मांगकर खाओगे तो हमेशा लोगो के अहसानो के नीचे दबकर रहोगे।

आज भी लोग हमारी इतनी इज्जत करते हैं, 

हम जिसे मेसेज करते हैं वो सर झुका कर पढ़ते हैं।

जिसके मन में लालच जन्म ले लेता है, 

उसको फिर इज़्ज़त गवाने में ज्यादा समय नहीं लगता है।

जो व्यक्ति आपको इज्जत ना दे उससे दूर 

हो जाना ही ज्यादा बेहतर होता है।

किसी भी शख्स को हद से ज्यादा अहमियत मत देने लग जाना, 

वरना तुम अपनी इज़्ज़त खो दोगे।

कुछ लोग ऐसे होते हैं कि उनको कितनी भी इज्जत दो,

 पर उन्हें वो इज़्ज़त हज़म नहीं होती।

जिसकी इज्जत समाज में सबसे ज्यादा होती है, 

लोग उसी की बात को ज्यादा मानते हैं।

जब भी बात इज्जत या मोहब्बत की हो तो 

बिना सोचे इज्जत को ही चुनना।

इज्जत महंगी चीज है, 

इसकी उम्मीद सस्ते लोगों से ना रखें।

एक इज्जतदार व्यक्ति से 

हर कोई मित्रता करना पसंद करता है।

अगर किसी का अपमान करोगे तो 

खुद भी एक सम्मानित जीवन नहीं जी पाओगे।

इज्जत, मोहब्बत, तारीफ़ और दुआ, 

माँगी नहीं जाती कमाई जाती है।

जिंदगी में आए हो तो हर चीज करो, 

पर भूलकर भी कभी अपनी इज्जत मत गवाना।

इज्जत भी मिलेगी दौलत भी मिलेगी अगर आपके 

पास कामयाब बनने की काबिलियत होगी।

अहंकार पालकर आप कभी भी इज्जत नहीं पा सकते हैं।

दूसरों को प्रोत्साहन देकर आप इज्जत के हक़दार जरूर बन सकते हैं।

जब बात इज्जत पर आती है, 

तो रिश्तों में भी खट्टास अपने आप पैदा हो जाती है।

दूसरों के साथ बुरा व्यवहार करके आप 

कभी भी इज्जत पाने के हक़दार नहीं बन सकते हैं।

काम भले ही छोटा हो पर इज्जत का हो।

हर चीज कमाना आसान है, 

लेकिन इज्जत कमाना बहुत मुश्किल।

जिसे इज़्ज़त बोलते हो उसी की इज्जत नहीं करते।

बेज्जती का जवाब इतनी इज्जत से दीजिए कि 

सामने वाला व्यक्ति शर्मिंदा हो जाए।

दूसरों के साथ बुरा व्यवहार करके, 

आप कभी भी इज्जत पाने के हक़दार नहीं बन सकते हैं।

उन्हें मत तोलिए तहज़ीब के तराजू में जनाब 

वे खूब जानते हैं दूसरों की इज्जत को संभालना।

जितनी इज़्ज़त आप दूसरों को दोगे, 

उससे कई ज्यादा इज्जत लोग आपको भी देंगे।

उन्होंने इज्जत बेचकर पैसे कमाए होंगे जनाब, 

तभी आज़ादी गंवाकर बस गुलामी हाथ लगी है।

बेईमान व्यक्ति को यह समाज कभी भी इज्जत नहीं देता, 

बस मौका मिलते ही उसको बेइज़्ज़त करता है।

मुसीबत के वक्त हर किसी की सहायता करनी चाहिए,

 इससे आपकी इज्जत भी बढ़ेगी और लोगों की दुआएं भी आपको मिलेंगी।

मोहब्बत ना मिले तो बस दिल टूटता है और 

अगर इज्जत चली जाए तो आसमान टूटता है।

कोई हमें इन लबों से “बहन” पुकार दे,

मन ऐसा कोई शिद्दत भरा चाहिए।

एक नज़र देखें हमें कोई, 

साहब कुछ नहीं बस नज़रिया एक इज्जत भरा चाहिए।

चाहे कितना भी पैसा कमा लो अगर इज्जत नहीं

कमा पाए तो हमेशा गरीब ही कहलाओगे।

कोई साथ हो या ना हो पर 

अपनी इज्जत अपने साथ होनी बहुत ज़रूरी है।

पैसा कमाने के चक्कर में आज लोग इतने पागल हो गए हैं कि

इसके लिए अपनी इज्जत बेचना भी ठीक समझते हैं।

दौलत का क्या है साहब वो तो आती-जाती रहेगी, 

अगर इज्जत एक बार चली गई थी तो वापस नहीं आएगी।

जिसके पास इज्जत है, उसके पास हर चीज है।

इज्जत कही भरे बाजार में नहीं मिलती इसे कमाना पड़ता है।

रोटी खाओ तो इज्जत की खाओ वरना मत खाओ।

जो व्यक्ति सच्चे दिल से दान करता है, 

उसकी इज्जत हर व्यक्ति और हर समाज करता है।

जब भी किसी की सहायता करो तो 

उस पर कभी भी अपना अहसान मत जताना, 

सच कह रहा हूँ इज्जत गिरते ज्यादा वक्त नहीं लगेगा।

जहां हमारी गलती हो वहां पर झुक जाना ही सही होता है, 

इससे हमारी इज्जत सामने वाले की नज़रों में कम नहीं बल्कि और बढ़ जाती है।

माना पैसों से हर चीज खरीदी जा सकती है, 

पर पैसों से इज्जत बिल्कुल भी नहीं खरीदी जा सकती है।

जो इज्जत कमाने के लिए परिश्रम करता है, 

उसके पास धन अपने आप ही दौड़ता चला आता है।

किसी के आगे भीख मांगने से अच्छा है कि 

आप अपनी मेहनत का खाएं, और एक इज्जतदार जिंदगी जिएं।

महान इंसान केवल वही बन पाता है जिसने 

अपनी जिंदगी में सफलता के साथ-साथ इज्जत भी कमाई होती है।

कल तक वो जिसको मोहब्बत कहती थी 

आज उसी को वो कोई बीमारी बताने लगी।

कल तक जो रात रात जागती थी मेरे लिए 

अब वो नींद का बहाना बना सो जाने लगी।

कल तक कहते थे मैं हूं आदत जिसकी, 

आज वही मुझे कोई बुरी लत बनाने लगी।

कल तक जिसको मुझसे बेपनाह प्यार था 

अब वही प्यार वो किसी और से जताने लगी।

जब मुझसे आखिर दिल भर गया उसका तो 

उसे अपनी इज्जत याद आने लगी।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top